Add To collaction

लेखनी कहानी -15-Dec-2022हास्य व्यंग्य : ब्रेक अप

आजकल "ब्रेक अप" का फैशन है । खूब बिक रहा है । बाजार लदे पड़े हैं इससे । तरह तरह के ब्रेक अप बाजार में उपलब्ध हैं । सुर्खियों में बना हुआ है ब्रेकअप । आजकल बाजार में क्या चल रहा है इसका पता "ट्विटर" से चलता है । ट्विटर पर जो ट्रेंड करता है वही तो चलता है बाजार में । ट्विटर "प्रचलन" का पैमाना बन गया है आजकल । लोग किसी जमाने में सुबह उठकर भगवान के दर्शन किया करते थे मगर आजकल लोग सबसे पहले ट्विटर के दर्शन करते हैं । उस पर क्या ट्रेंड हो रहा है, मालूम करते हैं और फिर "आधुनिक" बने रहने के लिए उसे "फोलो" करते हैं । आज के जमाने में आधुनिक वही कहलायेगा जो जमाने के साथ चलेगा । ट्विटर आधुनिक जमाने का प्रतिनिधि है , आधुनिकता मापने का पैमाना है इसलिए ट्विटर पर जो ट्रेंड करे वही जमाने का चलन समझा जाता है । तो आधुनिक कहलाने के लिए ट्विटर के ट्रेंड के हिसाब से चलना मजबूरी है । फिर वह चाहे ब्रेक अप हो या गद्दारी । 

जबसे यह पता चला है कि ब्रेक अप ट्रेंड कर रहा है तो हम बड़े चिंतित हुए । हमारा तो ब्रेक अप हुआ ही नहीं है आज तक । अगर हमारा ब्रेक अप नहीं हुआ तो हम दकियानूस, रूढिवादी, अनपढ, जाहिल, गंवार और न जाने क्या क्या कहलायेंगे । आधुनिकता की दौड़ में पीछे रह जायेंगे । आधुनिक बनने के लिए हमने बहुत कुछ छोड़ा है मसलन धर्म, संस्कार, सभ्यता, विनम्रता, मर्यादा, चरित्र वगैरह वगैरह । यहां तक कि इंसानियत भी छोड़ दी है । इसका हमें अफसोस भी नहीं है बल्कि गर्व है । आधुनिक बने रहने के लिए हम कुछ भी कर सकते हैं । अपने मां बाप को गाली भी दे सकते हैं । देश को नीचा दिखाने का काम भी कर सकते हैं । और तो और अपनी नजरों से भी गिर सकते हैं । 

जब आधुनिकता के प्रति इतने दृढ़ संकल्पित हैं तो "ब्रेक अप" एक मामूली सी तो बात है । ले लेते हैं ब्रेकअप । वैसे भी जिंदगी में बहुत से काम "ऐंवई" भी तो करते हैं हम सभी । कभी "चिल" मारने के लिए तो कभी जिंदगी में कुछ "थ्रिल" करने के लिए । तो हमने भी ठान लिया है कि हमें अब हर हाल में ब्रेक अप करना है । 

ब्रेक अप के लिए हम कारण ढूंढने लगे पर कोई कारण नजर नहीं आया । बड़े निराश हुए । लोग तो अपने स्वार्थ में अंधे होकर देश तोड़ने वाले काम कर रहे हैं । दुश्मन देशों की गोदी में बैठकर मिसाइलें दाग रहे हैं और हम ब्रेक अप का एक बहाना तक तलाश नहीं कर पा रहे हैं ? धिक्कार है हमारी बुद्धि पर । बुद्धि से याद आया कि देश में बहुत सारे बुद्धिजीवी बैठे हैं । वे रात दिन तोड़ने का ही काम करते हैं चाहे समाज हो या देश । तोड़ना उनका प्रिय शगल है । तो मन ने कहा कि क्यों नहीं उनसे सलाह मशविरा कर लिया जाये ? 
हम एक "अति बुद्धिजीवी" के घर पहुंच गये । घर क्या था आलीशान बंगला था । इतना पैसा कहां से आता है इनके पास ? कोई काम धंधा करते नहीं फिर भी इतने ठाठ बाट ? बात करते हैं गरीबी, बेरोजगारी की और खुद विलासिता का जीवन जीते हैं ये तथाकथित बुद्धिजीवी ।  
एक ज्ञानी जी ने समझाया "जिसके पास बुद्धि होगी, पैसा भी उसी का होगा । दीपावली पर हम लोग गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा क्यों करते हैं ? गणेश जी बुद्धि देते हैं और लक्ष्मी जी धन देने वाली हैं । दोनों के साथ पूजा करने  का मतलब यही है कि जहां बुद्धि है वहां धन है । ये बुद्धिजीवी फ्री फंड में कोई काम नहीं करते हैं" । हमारे पास इतने पैसे नहीं थे कि हम एक बुद्धिजीवी की फीस चुका सकें, इसलिए "लौट के बुद्धू घर को आये" की तरह हम भी घर वापस आ गये । 

घर पर हंसमुख लाल जी, हमारे घुटन्ना मित्र मिल गये । हंसमुख लाल जी हमारे लिए "हनुमान" जी की तरह हैं "संकट मोचक" । हमारे चेहरे को देखकर बोले "ये क्या हाल बना रखा है भाईसाहब" ? 
हमने कहा "ब्रेक अप का कोई कारण नहीं सूझ रहा है" 
"बस इतनी सी बात" ? 
"हां, यही चिंता है" 
"अरे भाईसाहब, अपने 'ब्रेक अप वीर' और 'ब्रेक अप बाला' कब काम आऐंगे" ? 
मुझे याद आया । हंसमुख लाल जी के नौनिहालों ने एक ऐजेन्सी खोल रखी है जिसका नाम है "जस्ट ब्रेक अप" । उनका बेटा और बेटी चलाते हैं उसे । उनके बेटे ने अब तक कितने ब्रेक अप किये हैं, ये उसे भी याद नहीं है । इसीलिये उसका नाम "ब्रेक अप वीर" पड़ गया है । इसी तरह उनकी बेटी भी रोज "लव" और "ब्रेक अप" का खेल खेलती रहती है । एक टी वी कार्यक्रम में वह ब्रेक अप के टिप्स दे रही थी इसलिए उस चैनल ने उसका नाम "ब्रेक अप बाला" रख दिया । तब से वे दोनों इसी नाम से जाने जाते हैं । दोनों इस "विधा" के विशेषज्ञ बन गये हैं । अपने इस अद्भुत ज्ञान के प्रचार प्रसार के लिए और अथाह पैसा कमाने के लिए उन्होंने मिलकर यह ऐजेन्सी खोल ली है । मुझे भी उनकी दक्ष सेवाऐं ले लेनी चाहिए । 
हंसमुख लाल जी मुझे लेकर उनकी ऐजेन्सी पर आ गये । वहां पर लाइन लगी हुई थी । मुझे यह जानकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि देश में ब्रेक अप चाहने वालों की इतनी लंबी लाइन है । कभी राशन के लिए लंबी लंबी लाइन लगा करती थी आजकल ब्रेक अप के लिए लग रही हैं । कितनी तरक्की कर ली है देश ने । फिर भी लोग सरकार को अक्षम बता रहे हैं । 

मुझे हंसमुख लाल जी के कारण सीधे ही ऐण्ट्री मिल गई । हमने अपनी समस्या उनके सामने रख दी । मेरी समस्या सुनकर दोनों जोर से खिलखिला पड़े । मुझे लगा कि मैंने कोई गलत बात कह दी है शायद । वे हंसते हंसते बोले "अंकल, आप किसी भी कारण से ब्रेक अप ले सकते हो । यहां तक कि बिना कारण भी । कोई "सिली" सा कारण भी चल जायेगा । आप तो जानते ही हैं अंकल कि महाराष्ट्र में जब दो दलों में ब्रेक अप हुआ था तो क्या कारण बताया गया था ? एक दल ने यही तो कहा था कि तुमने मेरे बाप से वादा किया था कि तुम ऐसा करोगे , मगर तुमने वैसा नहीं किया इसलिए ब्रेक अप हो गया । बाप जिंदा है नहीं जो चैनलों पर आकर सही बात बताये । 
और बिहार को ही देख लो । जब कोई और लड़की मन भा जाये तो पुरानी को कोई क्यों झेले ? बस, हो गया ब्रेक अप । और अंकल , आप भी ऐसा ही कोई "सिली" सा कारण बता दीजिए । जैसे कि तुम्हारा "डियो" बहुत गंदा है या तुम महीने महीने नहाती नहीं हो, तुम्हारे कपड़ों से बदबू आ रही है वगैरह वगैरह । ऐसे पचासों कारण हैं ब्रेक अप के । आपको जो ज्यादा पसंद आये, वही बता दो" । 
हमें दिव्य ज्ञान मिल गया था और वह भी मुफ्त में । अरे भाई जब हम 100 यूनिट फ्री बिजली के लिए अराजक लोगों को वोट दे आते हैं फिर ये तो दिव्य ज्ञान है । धन्य हो गये हम । 

श्री हरि 
15.12.22 


   7
2 Comments

Sachin dev

15-Dec-2022 05:58 PM

Osm

Reply

Hari Shanker Goyal "Hari"

16-Dec-2022 10:45 AM

धन्यवाद जी

Reply